200+ Fresh New Shayari – Updated Daily

Need new Shayari to make your mark?

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Also, check out our collection on – Love Shayari and Sad Shayari.

Best new shayari to share with friends

1

ज़माने भर की रुसवाईयां और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माज़रा क्या है?

2

वो एक पल जिसे तुम सपना कहते हो,
तुम्हें पाकर मुझे ज़िंदगी सा लगता है।

3

आँखों के रास्ते मेरे दिल में उतर गये,
बंदा-नवाज़ आप तो हद से गुज़र गये।

4

दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है,
यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं।

5

करूँगा क्या जो हो गया नाकाम मोहब्बत में,
मुझे तो कोई और काम भी नहीं आता इसके सिवा।

6

तुम्हें जरूर कोई चाहतों से देखेगा,
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लायेगा।

7

मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है।

8

रौशनी में कुछ कमी रह गई हो तो बता देना
ऐ सनम दिल आज भी हाजिर है जलने को।

9

चाहत हुई किसी से तो फिर बेइन्तेहाँ हुई,
चाहा तो चाहतों की हद से गुजर गए,
हमने खुदा से कुछ भी न माँगा मगर उसे,
माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुजर गये।

10

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से,
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिये बनाया है।

11

दिल क्या मिलाओगे के हमें हो गया यकीन,
तुम से तो ख़ाक में भी मिलाया न जायेगा।

12

इत्तेफ़ाक़ से ही सही मगर मुलाकात हो गयी,
ढूंढ रहे थे हम जिन्हें उन से बात हो गयी,
देखते ही उन को जाने कहाँ खो गए हम,
वहीं से हमारे प्यार की शुरुआत हो गयी।

13

उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है,
अपना होता तो बात और थी।

14

कभी पत्थर कहा गया तो कभी शीशा कहा गया,
दिल जैसी एक चीज को क्या क्या कहा जाए।

15

मै नहीं वेवफा मेरा ऐतबार करले
दे दे मुझे मौत या फिर प्यार करले

16

कोई मुन्तजिर है उसका कितनी शिद्दत से फ़राज़,
वो जानता है पर अनजान बना रहता है।

17

इश्क़ इक मीर भारी पत्थर है,
कब ये तुझ ना-तवाँ से उठता है।

18

मैं कुछ लम्हा और तेरा साथ चाहता हूँ,
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता हूँ,
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर,
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता हूँ।

19

सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आये तेरी आँखों में आँसू,
मेरे दिल का क्या आलम है ये तो तू अभी जनता नहीं।

20

मेरी रूह गुलाम हो गई है,
तेरे इश्क़ में शायद,
वरना यूँ छटपटाना,
मेरी आदत तो ना थी।

21

इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में,
या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर।

22

उनसे कह दो किसी और से मोहब्बत की ना सोचें,
एक हम ही काफी हैं उन्हें उम्र भर चाहने के लिए।

23

इन्कार जैसी लज्जत इक़रार में कहाँ,
बढ़ता रहा इश्क ग़ालिब उसकी नहीं-नहीं से।

24

उस शख्स से फ़क़त इतना सा ताल्लुक है मेरा,
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नहीं आती है।

25

Kya Cheej Mohabbat Hoti Hai,
Ek Shakhs Khuda Ban Jata Hai.

26

खुदा से मांगते तो मुद्दतें गुजर गयीं,
क्यूँ न मैं आज उसको उसी से माँग लूँ।

27

ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से,
इश्क में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथो से,
किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पयेगा।

28

छुप-छुप के देखा है उन्हें उनके सामने अक्सर,
इजहार-ए-इश्क़ भी होगा जरा बात तो होने दो।

29

कुछ लोग हमारे लिए इतने
इम्पोर्टेन्ट होते है की
उससे अगर एक दिन बात ना हो तो
कुछ अच्छा नहीं लगता

30

Naya Yeh Daur Hai Lekin,
Wohi Kisse Puraane Hain,
Mohabbat Ke Zamane The,
Mohabbat Ke Zamane Hain,
Mere Geeto Mein Jo Tumne,
Sune Yaado Ke Kisse Hain,
Mohabbat Ke Taraane Toh,
Abhi Tumko Sunaane Hain.

31

इजहार-ए-मोहब्बत पे अजब हाल है उनका,
आँखें तो रज़ामंद हैं लब सोच रहे हैं।

32

नहीं पसंद मोहब्बत में मिलावट मुझको,
अगर वो मेरा है तो ख्वाब भी बस मेरे देखे।

33

सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता ताज महल
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता।

34

दिल वो है जो फरियाद से भरा रहता है हर वक़्त,
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकालने नहीं देते।

35

एक बार कर के ऐतबार लिख दो,
कितना है मुझ से प्यार लिख दो,
कटती नहीं ये ज़िन्दगी अब तेरे बिन,
कितना और करूँ इन्तज़ार लिख दो।

36

खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं,
दिलों के खेल में खुद-गर्जियाँ नहीं चलतीं।
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मन-मर्जियाँ नहीं चलतीं।

37

भीगी हुयी आँखों का ये मंजर न मिलेगा,
घर छोड़ कर मत जाओ कहीं घर न मिलेगा।

38

इक तेरी तमन्ना ने कुछ ऐसा नवाज़ा है,
माँगी ही नहीं जाती अब कोई और दुआ हमसे।

39

ना हारा है इश्क और न दुनिया थकी है,
दिया भी जल रहा है हवा भी चल रही है।

40

तू फिर भी रखती है शिकायत हमसे,
सजदों में तुझे पाने की दुआ की हमने.

41

कोई हाथ भी न मिलाएगा,
जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नए मिजाज का शहर है,
जरा फ़ासले से मिला करो।

42

अगर तलाश करोगे तो मिल ही जायेगा,
मगर हमारी तरह कौन तुम्हें चाहेगा।

43

धड़कनों को भी रास्ता दे दीजिये हुजूर,
आप तो पूरे दिल पर कब्जा किये बैठे हैं।

44

यह मेरा इश्क़ था
या फिर दीवानगी की इन्तहा,
कि तेरे ही करीब से गुज़र गए
तेरे ही ख्याल से।

45

दिल के मामले में मुझे दख़्ल कुछ नहीं,
इसके मिज़ाज में जिधर आए उधर रहे।

46

मेरी आँखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार है,
तेरा ही इश्क़,
तेरा ही दर्द,
तेरा ही इंतज़ार है।

47

कोई चारा नहीं दुआ के सिवा
कोई सुनता नहीं खुदा के सिवा

48

दिल की भी हैं अपनी ही गुस्ताखियाँ बड़ी,
किसे कब क्यों चाहे कोई खबर नहीं।

49

लोग हर बात का अफ़साना बना लेते हैं,
सबको हालात की रूदाद सुनाया न करो।

50

दिल में आहट सी हुई रूह में दस्तक गूँजी,
किस की खुशबू ये मुझे मेरे सिरहाने आई।

51

अभी कमसिन हो रहने दो कहीं खो दोगे दिल मेरा,
तुम्हारे लिए ही रखा है ले लेना जवान हो कर।

52

मेरी बहार-ओ-खिजान जिसके इख़्तियार में थी,
मिजाज़ उस दिल-ए-बे-इख़्तियार का न मिला।

53

रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,
अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,
आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,
आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।

54

Kabhi Tum Bhi Najar Aao,
Subah Se Shaam Tak Humko,
Bahut Se Log Milte Hain,
Nigahon Se Gujarate Hai,
Koyi Andaaz Tum Jaisa,
Koyi HumNaam Tum Jaisa,
Magar Tum Hi Nahi Milte.

55

जो मोहब्बत तुम्हारे दिल में है,
उसे जुबां पर लाओ और बयां कर दो,
आज बस तुम कहो और कहते ही जाओ,
हम बस सुनें ऐसे बेज़ुबान कर दो।

56

एक लफ्ज मोहब्बत का इतना सा फसाना है,
सिमटे तो दिले आशिक बिखरे तो जमाना है।

57

जी करता है उसे मुफ्त में जान दे दूँ,
इतने मासूम खरीदार से क्या लेना।

58

ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा,
मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा,
तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज़ रखे हैं,
तुम्हारी नफरतों की पीर को ज़िंदा नहीं रखा।

59

Koi Lakh Chhupa Le Ishq Magar,
Duniya Ko Pata Chal Jata Hai.

60

मुमकिन अगर हो सके तो वापस कर दो,
बिना दिल के अब हमारा दिल नहीं लगता।

61

दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है।

62

दिल की हर बात जमाने को बता देते हैं,
अपने हर राज पर से परदा उठा देते हैं,
आप हमें चाहें न चाहें इसका गिला नहीं,
हम जिसे चाहें उस पर जान लुटा देते हैं।

63

कभी तुम आ जाओ ख्यालों में और मुस्कुरा दूँ मैं,
इसे गर इश्क़ कहते हैं तो हाँ मुझे इश्क़ है तुमसे।

64

सुकून मिलता है जब उनसे बात होती है,
हजार रातों में वो एक रात होती है,
निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ,
मेरे लिए वही पल पूरी कायनात होती है।

65

जिस चेहरे को देख कर हँसते थे
उसी न आज हमे रुला दिया
खुद तो फोन किया नहीं
मैंने किया तो कोलर टून में सुना
तुझे भुला दिया

66

समझा न कोई दिल की बात को
दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया
जो सह गाए हट दर्द को हम चुपके से
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया

67

कल क्या खूब इश्क़ से इन्तेकाम लिया मैंने,
कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे ज़ला दिया।

68

आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें,
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं।

69

कभी क़रीब तो कभी दूर हो के रोते हैं,
मोहब्बतों के भी मौसम अजीब होते हैं।

70

ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ,
तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है,
मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ,
बस इतनी बात पर मैं लोगों को अच्छा नहीं लगता,
मैं नेकी कर तो देता हूँ जताना भूल जाता हूँ।

71

कभी संभले तो कभी बिखर गए हम,
अब तो खुद में ही सिमट गए हम,
यूँ तो जमाना खरीद नहीं सकता हमें,
मगर प्यार के दो लफ़्ज़ों से बिक गए हम।

72

हम अपनी रूह तेरे जिस्म में ही छोड़ आये फ़राज़,
तुझसे गले लगाना तो बस एक बहाना था।

73

दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती।

74

इन दिनों दिल अपना सख्त बे-आराम रहता है,
इसी हालत में लेकर सुबह से शाम रहता है।

75

न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे,
बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत

76

हर बात पे रंजिशें हर बात पे हिसाब,
गोया मैंने इश्क नहीं,
नौकरी कर ली।

New Shayari Love

77

हसरतें रह जाएँगी आपके बिना अधूरी,
ज़िन्दगी न होगी आपके बिना पूरी,
अब और सही जाये न यह दूरी,
जीने के लिये आपका साथ है बहुत ज़रूरी।

78

एक अजीब सा मंजर नजर आता है,
हर एक आँसू समंदर नजर आता है,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर एक हाथ में पत्थर नजर आता है।

79

क्यूँ करते हो मुझसे इतनी ख़ामोश मोहब्बत,
लोग समझते हैं इस बदनसीब का कोई नहीं।

80

कोई कब तक महज सोचे,
कोई कब तक महज गाये,
इलाही क्या ये मुमकिन है,
कि कुछ ऐसा भी हो जाये,
मेरा महताब उसकी रात के,
आगोश में पिघले,
मैं उसकी नींद में जागूं,
वो मुझमें घुल के सो जाये।

81

Haal Apna Tumhein Batana Kya,
Cheer Ke Dil Tumhein Dikhana Kya,
Wahi Rona Hai Sadaa Ka Ab Bhi,
Daastaan Phir Wohi Dohrana Kya

82

एक शब गुजरी थी तेरे गेसुओं के छाँव में,
उम्र भर बेख्वाबियाँ मेरा मुकद्दर हो गयीं।

83

आरजू ये है कि इज़हार-ए-मोहब्बत कर दें,
अल्फाज़ चुनते है तो लम्हात बदल जाते हैं।

84

ग़म-ए-दिल अब किसी के बस का नहीं,
क्या दवा क्या दुआ करे कोई तेरे लिए।

85

वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके,
काश कि हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये।

86

कच्ची दीवार हूँ ठोकर ना लगाना मुझे,
अपनी नज़रों में बसा कर ना गिराना मुझे,
तुमको आँखों में तसव्वुर की तरह रखता हूँ,
दिल में धड़कन की तरह तुम भी बसाना मुझे।

87

काम अब कोई न आएगा बस एक दिल के सिवा,
रास्ते बंद हैं सब कूचा ए कातिल के सिवा।

88

सौ बार कहा दिल से चल भूल भी जा उसको,
हर बार कहा दिल ने तुम दिल से नहीं कहते।

89

इब्तिदा-ए-इश्क़ है रोता है क्या,
आगे आगे देखिए होता है क्या।

90

दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत,
सुक्र है कि यार ही बेवफा निकले।

91

नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे बहुत दूर,
जरा टूटे हुए दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो।

92

बहुत नायाब होते हैं जिन्हें हम अपना कहते हैं,
चलो तुमको इज़ाजत है कि तुम अनमोल हो जाओ।

93

हम तो नादान है क्या समझे मोहब्बत का असूल
बस तुम्हे चाहा था तुम्हे चाहेंगे तुझे चाहते है तुझे ही चाहेंगे

94

रुके तो चाँद चले तो हवाओं जैसा है,
वो शख्स धूप में भी छाँव जैसा है।

95

दिल के दो हिस्से जो कर डाले थे इश्क़ ने,
एक सहरा बन गया और एक गुलशन हो गया।

96

Yeh Lab Chahe Khamosh Rahein,
Aankhon Se Pata Chal Jata Hai.

97

Ishq Mein Jisne Bhi
Bura Haal Bana Rakha Hai,
Wahi Kahta Hai
Ajii Ishq Me Kya Rakha Hai.
इश्क में जिस ने भी
बुरा हाल बना रखा है।
वही कहता है
अजी इश्क में क्या रखा है।

98

अंदाज़ बदलने लगते हैं आँखों में शरारत रहती है,
चेहरे से पता चल जाता है जब दिल में मोहब्बत होती है।

99

दिल आबाद कहाँ रह पाए उसकी याद भुला देने से,
कमरा वीरान हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से।

100

तुमको पाने की तमन्ना नहीं
फिर भी खोने का डर है,
कितनी शिद्दत से देखो
मैनें तुमसे मोहब्बत की है।

101

मुझे नहीं पता के ये बिगड़ गया या सुधर गया,
बस अब ये दिल किसी से मोहब्बत नहीं करता।

102

लाखों में इंतेखाब के काबिल बना दिया,
जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया,
पहले कहाँ ये नाज थे यह इशवा-ओ-अदा,
दिल को दुआएं दो तुम्हे कातिल बना दिया।

103

हम आज भी दिल का आशिया बनाने से डरते है
बागो में फूल खिलाने से डरते है
हमारी पसन्द से टूट जाएगा किसी का दिल
इसलिए हम गर्ल फ्रेड बनाने से डरते है

104

इश्क़ में हमने वही किया जो फूल करते हैं बहारों में,
खामोशी से खिले… महके… और फिर बिखर गए।

105

प्यार की हद को समझना,
मेरे बस की बात नहीं,
दिल की बातों को छुपाना,
मेरे बस की बात नहीं,
कुछ तो बात है तुझमें
जो यह दिल तुमपे मरता है,
वरना यूँ ही जान गँवाना,
मेरे बस की बात नहीं।

106

प्यार की कली सब के लिए खिलती नहीं,
चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से मिलता है,
और हर किसी को ऐसी किस्मत मिलती नहीं।

107

जीने के लिए तुम्हारी याद ही काफी है,
इस दिल में बस अब तुम ही बाकी हो,
आप तो भूल गए हो हमें अपने दिल से,
लेकिन हमें आज भी तुम्हारी तालाश बाकी है।

108

छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर,
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं।

109

नजर में शोखियाँ लव पर
मोहब्बत का फ़साना है,
मेरी उम्मीद की ज़द में
अभी सारा ज़माना है,
कई जीते हैं दिल के देश पर
मालूम है मुझको,
सिकंदर हूँ मुझे एक रोज
खाली हाथ जाना है।

110

आंसू मेरे थम जाएँ तो फिर शौक़ से जाना,
ऐसे में कहा जाओगे बरसात बहुत है।

111

राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।

112

मोहब्बत में किसी का इंतजार न करना,
हो सके तो किसी से प्यार न करना,
कुछ नहीं मिलता किसी से मोहब्बत करके,
खुद की ज़िन्दगी इस पर बेकार न करना।

113

मोहब्बत नाम है जिसका वो ऐसी क़ैद है यारों,
कि उम्रें बीत जाती हैं सजा पूरी नहीं होती।

114

क्यों मेरे चैन ओ सुकून के दुश्मन बन गए,
दुनिया बड़ी हसीं है किसी और से दिल लगा लेते।

115

अच्छी सूरत नज़र आते ही मचल जाता है,
किसी आफत में न डाल दे दिल-ए-नाशाद मुझे।

116

उतर जाते हैं कुछ लोग,
दिल में इस कदर,
जिन्हें दिल से निकालो तो,
जान निकल जाती है।

117

जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है,
किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है।

118

हमारी आँख से गिरता जो तेरे प्यार का मोती,
उसे होठों से चुन लेती अगर तुम सामने होती।

119

आज दिल कर रहा था,
बच्चों की तरह रूठ ही जाऊँ,
पर फिर सोचा,
उम्र का तकाज़ा है मनायेगा कौन।

120

कभी कभी अपनो की इतनी याद आती है
की रोने के लिए रात भी कम पड़ जाती है

121

मोहब्बत क्या है चलो दो लफ़्ज़ों में बताते हैं,
तेरा मजबूर करना और मेरा मजबूर हो जाना।

122

राजे हकीकत जान ने वाले देखिये क्या कहते हैं,
दिल को मेरा दिल नहीं उनकी तमन्ना कहते हैं।

123

दो बातें उनसे की तो दिल का दर्द खो गया,
लोगों ने हमसे पूछा कि तुम्हें क्या हो गया,
बेचैन आँखों से सिर्फ हँस के हम रह गए,
ये भी ना कह सके कि हमें इश्क़ हो गया।

124

मोहब्बत एक खुशबू है हमेशा साथ रहती है,
कोई इंसान तन्हाई में भी कभी तन्हा नहीं रहता।

125

खयालों में ​उसके मैंने बिता दी ज़िंदगी सारी,
​​इबादत कर नहीं पाया खुदा नाराज़ मत होना​।

126

दिल-ए-गुमराह को काश ये मालूम होता,
प्यार तब तक हसीन है जब तक नहीं होता।

127

शमा बुझा के रात देर तलक महफ़िल सजाई हमने,
मैं अपने दिल को रोता रहा और ये दिल तेरे लिए।

128

रग रग में है जो बिखरी
वो खुशबु तुम्हारी है,
मैदान-ए-इश्क़ की बाज़ी
इस दिल ने भी हारी है,
मुझे यूँ छोड़ जा बेशक भले
पर भूल ना पाओगी,
तेरे हर शिकवे पर भारी
ये मोहब्ब्त हमारी है।

129

उसकी मोहब्बत लाख छुपाई ज़माने से मैंने,
मगर आँखों में तेरे अक्स को छुपा न सका।

130

दिल वो है जो फ़रियाद से भरा रहता है,
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकलने नहीं देते।

131

अपने हाथों से यूँ चेहरे को छुपाते क्यूँ हो,
मुझसे शर्माते हो तो सामने आते क्यूँ हो,
तुम भी मेरी तरह कर लो इकरार-ए-वफ़ा अब,
प्यार करते हो तो फिर प्यार छुपाते क्यूँ हो?

132

उँगलियाँ मेरी वफ़ा पर न उठाना लोगों,
जिसको शक हो वो मुझसे निबाह कर देखे।

133

फिर किसी मोड़ पर मिल जाऊँ तो मुहँ फेर लेना,
पुराना इश्क़ है,
फिर उभरा तो कयामत होगी

134

मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है,
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है​।

135

अगर शरर है तो भड़के जो फूल है तो खिले,
तरह तरह की तलब तेरे रंग-ए-लब से है।

136

ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा,
क्योंकि हस्र की परवाह मैं नहीं करता,
फनाह होना तो रिवायत है तेरी,
इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता।

137

मैं नासमझ ही सही मगर वो तारा हूँ जो,
तेरी एक ख्वाहिश के लिए सौ बार टूट जाऊं।

138

लाजिम नहीं कि उस को भी मेरा ख्याल हो,
मेरा जो हाल है वही उसका भी हाल हो,
कोई खबर ख़ुशी की कहीं से मिले मुनीर,
इस रोज-ओ-शब में ऐसा भी इक दिन कमाल हो।

139

मुहब्बत मेरी भी बहुत असर करती है,
याद आएंगे बहुत जरा भूल के देखो।

140

ये क्या कि वो जब चाहे मुझे छीन ले मुझसे,
अपने लिए वो शख़्स तड़पता भी तो देखूँ।

141

नजर नमाज नजरिया सब कुछ बदल गया,
एक रोज इश्क़ हुआ और मेरा खुदा बदल गया।

142

तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है,
एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है,
यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर,
मगर सोते-सोते जागना और,
जागते-जागते सोना ही इश्क़ है।

143

आगे सफर था और पीछे हमसफर था,
रूकते तो सफर छूट जाता
और चलते तो हमसफर छूट जाता,
मंजिल की भी हसरत थी
और उनसे भी मोहब्बत थी,
ऐ दिल तू ही बता,
उस वक्त मैं कहाँ जाता,
मुद्दत का सफर भी था
और बरसो का हमसफर भी था,
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते
यूँ समँझ लो…
प्यास लगी थी गजब की मगर पानी मे जहर था,
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते।

144

तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता,
वो शीशा हो नहीं सकता,
ये पत्थर हो नहीं सकता।

145

भरा है शीशा-ए-दिल को नई मोहब्बत से,
ख़ुदा का घर था जहाँ शराब-ख़ाना हुआ।

146

मोहब्बत एक अहसासों की,
पावन सी कहानी है,
कभी कबिरा दीवाना था,
कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते हैं,
मेरी आंखों में आँसू हैं,
जो तू समझे तो मोती है,
जो ना समझे तो पानी है।

147

मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,
नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क़ समझ बैठा।

148

कुछ उम्र की पहली मंजिल थी,
कुछ रस्ते थे अनजान बहुत,
कुछ हम भी पागल थे लेकिन,
कुछ वो भी था नादान बहुत,
कुछ उसने भी न समझाया,
ये प्यार नहीं आसान बहुत,
आखिर हमने भी खेल लिया,
जिस खेल में था नुकसान बहुत।

149

लोगों ने रोज ही नया कुछ माँगा खुदा से,
एक हम ही हैं जो तेरे ख्याल से आगे न गये।

150

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह।

151

कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे,
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे,
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बूँद के लिए,
हम तो बादल है प्यार के कहीं और बरस जायेंगे।

152

तेरे ख्याल में जब बेख्याल होता हूँ,
जरा सी देर को ही सही बेमिसाल होता हूँ।

153

फिर याद बहुत आएगी जुल्फों की घनी शाम,
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा।

154

चलते रहने दो ये सिलसिले,
ये मोहब्बतों के काफिले,
बहुत दूर हम निकल जाएँ,
कि लौट के फिर न आ सकें।

155

मोहब्बत नापने का कोई पैमाना नहीं होता,
कहीं तू बढ़ भी सकता है,
कहीं तू मुझ से कम होगा।

156

वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है,
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है।

157

बहुत देता है तू उसकी गवाहियाँ और सफाईयां,
समझ नहीं आता तू मेरा दिल है या उसका बकील।

158

किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो,
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती।

159

तुम चाहे बंद कर लो दिल के दरवाजे सारे,
हम दिल मे उतर आएंगे,
कलम के सहारे।

160

सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकर,
आपके हर एक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर,
लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मोहब्बत,
चाहे कर दो इनकार यूँ ही अनजान होकर।

161

क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का,
किसी काम से आये थे और किसी काम के ना रहे।

162

Mayoos Toh Hun Tere Vaade Se,
Kuchh Aas Nahi Kuchh Aas Bhi,
Main Apne Khayalon Ke Sadke,
Tu Paas Nahi Aur Paas Bhi Hai.

163

इतनी तो उम्र भी नहीं मेरी जितनी सबक सिख गाए

164

ये न जाने थे कि
उस महफ़िल में दिल रह जाएगा,
हम ये समझे थे कि
चले आएँगे दम भर देख कर।

165

ना जाने कौन सी दौलत हैं
कुछ लोगों के लफ़्जों में,
बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं।

166

फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी,
ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर संवर जायेगी,
थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे,
ये ज़िंदगी न मिलेगी जो गुज़र जायेगी।

167

मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी है,
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी है,
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ,
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करूँ,
जी में आता हैं कि जी भर के तुझे प्यार करूँ।

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168

इश्क़ तो बस मुक़द्दर है कोई ख्वाब नहीं,
ये वो मंज़िल है जिस में सब कामयाब नहीं,
जिन्हें साथ मिला उन्हें उँगलियों पर गिन लो,
जिन्हें मिली जुदाई उनका कोई हिसाब नहीं।

169

एक मुस्कान तू मुझे एक बार दे दे,
ख्वाब में ही सही एक दीदार दे दे,
बस एक बार कर दे तू आने का वादा,
फिर उम्र भर का चाहे इन्तजार दे दे।

170

लौट जाती है उधर को भी नज़र क्या कीजे,
अब भी दिलकश है तेरा हुस्न मगर क्या कीजे।

171

ताबीर जो मिल तो एक ख्वाब बहुत था,
जो शख्स गवा बैठे वो नायाव बहुत था,
मैं कैसे बचा लेता भला कश्ती-ए-दिल को,
दरिया-ए-मोहब्बत में शैलाब बहुत था

172

रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो,
आँख सच बोलती है प्यार छुपाया न करो।

173

Palkon Pe Larajte Ashqon Mein,
Tasveer Jhalakti Hai Teri,
Deedar Ki Pyaasi Aankhon Ko,
Ab Pyaas Nahi Aur Pyaas Bhi Hai.

174

तेरे शहर के कारीगर
बड़े अजीब हैं ऐ खुसूस-ए-दिल,
काँच की मरम्मत करते हैं
पत्थर के औजारों से।

175

एक अजीब सी बेताबी है तेरे बिना,
रह भी लेते है और रहा भी नहीं जाता।

176

फिर वही दिल की गुज़ारिश,
फिर वही उनका गुरूर,
फिर वही उनकी शरारत,
फिर वही मेरा कसूर।

177

फिर तेरी याद,
फिर तेरी तलब,
फिर तेरी बातें,
ऐसा लगता है ऐ दिल तुझे सुकून नहीं आता।

178

काश कोई मिले इस तरह कि फिर जुदा न हो,
वो समझे मेरा मिजाज और कभी खफा न हो,
अपने एहसास से बाँट ले सारी तन्हाई मेरी,
इतना प्यार दे जो किसी ने किसी को दिया न हो।

179

मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का,
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ।

180

जिस्म उसका भी मिटटी का है मेरी तरह ऐ खुदा,
फिर भी मेरा दिल ही क्यों तड़पता है उसके लिए।

181

जब तक तुम्हें न देखूं दिल को करार नहीं आता,
किसी गैर के साथ देखूं तो फिर सहा नहीं जाता।

182

जोश-ए-जुनूँ में लुत्फ़-ए-तसव्वुर न पूछिए,
फिरते हैं साथ साथ उन्हें हम लिए हुए।

183

लेना पड़ेगा इश्क में तर्क-ए-वफ़ा से काम,
परहेज इस मर्ज़ में है बेहतर इलाज से।

184

दिल से ख़याल-ए-सनम भुलाया न जाएगा,
सीने में दाग़ है कि मिटाया न जाएगा।

185

दिल-ए-गुमराह को काश ये मालूम होता,
प्यार तब तक हसीन है,
जब तक नहीं होता।

186

माना कि तुम जीते हो ज़माने के लिये,
एक बार जी के तो देखो हमारे लिये,
दिल की क्या औकात आपके सामने,
हम जान दे देंगे आपको पाने के लिये।

187

दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे,
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे।

188

काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
डरते क्यों हो पागल तुह्मारी तो हूँ

189

जमाना अगर हम से रूठ भी जाये तो,
इस बात का हमें गम न कोई होगा,
मगर आप जो हमसे खफा हो गए तो,
हम पर इस से बड़ा सितम न कोई होगा।

190

इश्क़ तेरी इन्तेहाँ इश्क़ मेरी इन्तेहाँ,
तू भी अभी ना-तमाम मैं भी अभी ना-तमाम।

191

कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना,
यूँ बात बढ़ा कर क्या करना।
तुम मेरे थे,
तुम मेरे हो,
दुनिया को बता कर क्या करना।
तुम साथ निभाओ चाहत से,
कोई रस्म निभा कर क्या करना।
तुम खफ़ा भी अच्छे लगते हो,
फिर तुमको मना कर क्या करना।

192

मत किया कीजिये दिन के
उजालों की ख्वाहिशें,
ये जो आशिक़ों की बस्तियाँ हैं
यहाँ चाँद से दिन निकलता है।

193

शब्दों से ही लोगों के दिलों पे राज
किया जाता है,
चेहरे का क्या,
वो तो किसी भी
हादसे मे बदल सकता है।

194

ले गया छीन के कौन आज तेरा सब्र-ओ-करार,
बे-करारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी।

195

ये न समझ कि मैं भूल गया हूँ तुझे,
तेरी खुशबू मेरे सांसो में आज भी है,
मजबूरियों ने निभाने न दी मोहब्बत,
सच्चाई मेरी वफाओं में आज भी है।

196

शाम होते ही तेरे प्यार की पागल खुशबू,
नींद आँखों से सुकून दिल से चुरा लेती है।

197

समझा न कोई दिल की बात को,
दर्द दुनियां ने बिन सोचे ही दे दिया,
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया।

198

मिला वो भी नहीं करते मिला हम भी नहीं करते
दगा वो भी नहीं करते दगा दम भी नहीं करते

199

वो मुझ तक आने की राह चाहता है,
लेकिन मेरी मोहब्बत का गवाह चाहता है,
खुद आते जाते मौसमों की तरह है,
और मुझसे मोहब्बत की इन्तहा चाहता है।

200

टपकती है निगाहों से बरसती है अदाओं से,
मोहब्बत कौन कहता है कि पहचानी नहीं जाती।

201

मुझ में लगता है कि मुझ से ज्यादा है वो,
खुद से बढ़ कर मुझे रहती है जरुरत उसकी।

202

तरस रहे हैं बड़ी मुद्दतों से हम,
अपनी मुहब्बत का इज़हार लिख दो,
दीवाने हो जाएँ जिसे पढ़ के हम,
कुछ ऐसा तुम एक बार लिख दो।

203

जाने उस शख्स को कैसा ये हुनर आता है,
रात होती है तो आँखों में उतर आता है,
मैं उस के ख्यालों से बच के कहाँ जाऊं,
वो मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आता है।

204

मैंने हक दिया है तुझको मेरे साथ दिल्लगी का,
मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल बहल न जाये।

205

ज़िन्दगी मैं भी मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का
तू जहाँ मुझसे कहेगी मैं उतर जाऊँगा

206

कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है,
तुझको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है।

207

अच्छी सूरत नज़र आते ही मचल जाता है,
किसी आफ़त में न डाले दिल-ए-नाशाद मुझे।

208

Bekarari Hi Hai Judaai Mein,
Gham Ki Baatein Tumhein Sunana Kya,
Meri Chuppi Mein Teri Mohabbat Hai,
Bewajaha Honthon Ko Hilana Kya.

209

नजर से दूर रहकर भी
किसी की सोच में रहना,
किसी के पास रहने का
तरीका हो तो ऐसा हो।

210

सदियों का रतजगा मेरी रातों में आ गया,
मैं एक हसीन शख्स की बातों में आ गया।

211

नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,
मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,
मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,
मेरे वजूद को ख़्वाबों के घर में रहने दो।

212

रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,
इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।

213

आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओ,
एक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में।

214

वो कह के चले इतनी मुलाकात बहुत है,
मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत है।

215

संभाले नहीं संभलता है दिल,
मोहब्बत की तपिश से न जला,
इश्क तलबगार है तेरा चला आ,
अब ज़माने का बहाना न बना।

216

ज़माने भर की निगाहों में
जो खुदा सा लगे,
वो अजनबी है मगर
मुझ को आशना सा लगे,
न जाने कब मेरी
दुनिया में मुस्कुराएगा,
वो शख्स जो ख्वाबों
में भी खफा सा लगे।

217

महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया,
तन्हाई में रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया

218

तुझको चाहा तो क्या खता की हमने,
एक तेरे लिए दुनिया भुला दी हमने.

219

खुलता नहीं है हाल किसी पर कहे बग़ैर,
पर दिल की जान लेते हैं दिलबर कहे बग़ैर।

220

किसी के दिल में क्या छुपा है,
ये बस खुदा ही जानता है,
दिल अगर बे-नकाब होता,
तो सोचो कितना फसाद होता।

221

Jab Pyar Kisi Se Hota Hai,
Har Dard Dawa Ban Jata Hai.

222

अभी तो साथ चलना है,
समंदर की मुसाफत में,
किनारे पर ही देखेंगे,
किनारा कौन करता है।

223

ऐ चाँद मेरे दोस्त को एक तोहफा देना
तारो की महफ़िल संग रौशनी देना
छुपा लेना अँधेरे को हर रात के बाद
एक खूब सूरत सवेरा देना

224

कुछ ठोकरों के बाद,
नजाकत आ गयी मुझमे,
अब दिल के मशवरों पे,
मैं भरोसा नहीं करता।

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