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The best shayari with images
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1
कांटे वाली तार पे किसने गीले कपड़े टांगे हैं,
ख़ून टपकता रहता है और नाली में बह जाता है।
क्यों इस फौजी की बेवा हर रोज़ ये वर्दी धोती है।।
2
मत समझ कि कुछ नही है पास मेरे तुझे देने को |
शायर हूँ नाम तेरे कुछ तो लिख ही जाऊगाँ |
3
कितने मासूम होते है ये आँखों के आँसू भी |
ये निकलते भी उन के लिए है
जिन्हे इनकी परवाह तक नहीं होती |
4
Kehte hai aadmi ko amir hona chahiye
par amir ho ya na ho ,
aadmi ka zameer hona chahiye.
5
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह,
मगर ख़ामोश रहता हूँ,
अपनी तक़दीर की तरह।
6
मुझे तेरे काफ़िले मेँ चलने का कोई शौक नहीँ |
मगर तेरे साथ कोई और चले मुझे अच्छा नहीँ लगता |
7
जफ़ा के जिक्र पे तुम कयूँ संभल के बैठ गये |
तुम्हारी बात नहीं बात है जमाने की |
8
Woh Jo Laya Tha Humko Dariya Tak,
Paar Akele Utar Gaya Kab Ka.
9
मेरी नजर से कभी खुद को देखना |
तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जाओगे |
10
Hum To Har Baar Mohabbat Se Sadaa Dete Hain,
Aap Sunte Hain Aur Sun Ke Bhula Dete Hain.
11
सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा ऐ जान |
नोंच नोंच कर खा गई तेरी यादें मुझे |
12
रखते थे होठों पे उंगलियां जो मरने के नाम से,
अफसोस वही लोग मेरे दिल के कातिल निकले।
13
कभी टूटा नहीं दिल से तेरी याद का रिश्ता,
गुफ्तगू हो न हो ख्याल तेरा ही रहता है।
14
जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना क्योँ |
कि बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है |
15
सरे बाज़ार निकलूं तो आवारगी की तोहमत,
तन्हाई में बैठूं तो इल्जाम-ए-मोहब्बत।
16
सेवा करनी है तो,
घड़ी मत देखो |
प्रसाद लेना है तो,
स्वाद मत देखो |
17
जरूरी नहीं की हर बात पर तुम मेरा कहा मानों |
दहलीज पर रख दी है चाहत,
आगे तुम जानो |
18
ए खुदा किसी को किसी पर फ़िदा मत करना |
और अगर करे तो फिर उन्हें जुदा मत करना |
19
Hamari Unse Jo Thi Baat Woh Khatam Huyi,
Magar Khamosh Sa Kuchh Darmiyan Baaki Hai.
20
ख़ातिर से तेरी याद को टलने नहीं देते |
सच है कि हमीं दिल को संभलने नहीं देते |
21
इंसान ख्वाइशों से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है |
उम्मीदों से ही घायल है.उम्मीदों पर ही जिंदा है |
22
दो पल नहीं लगता किसी की मोहब्बत ठुकराने में |
और सदियाँ बीत जाती हैकिसी की मोहब्बत पाने में |
23
हम ने मोहब्बत के नशे में आ कर उसे खुदा बना डाला |
होश तब आया जब उस ने कहा कि खुदा किसी एक का नहीं होता |
24
Khud Ko Main Baant Na Dadu Kahi Daman Daman,
Kar Diya Tune Agar Mere Hawaale Mujhko|
25
वो तो युं ही तुम से मोहब्बत सी हो गयी होंगी |
वर्ना हम वो खुदगर्ज है,
के खुद की भी तमन्ना नहीं करते |
26
Ham Nahin Woh Jo Karein Khoon Ka Daava Tujh Par,
Balqi Poochhega Khuda Bhi Toh Mukar Jayenge.
27
जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता,
मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता,
काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त,
फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।
28
मुझे हालात की तन्हाई से डर लगता है |
बिखरी-बिखरी हुयी तन्हाई से डर लगता है |
सोचता हूँ तेरे नाम की तस्बीह कर लूँ |
फिर तेरे नाम की रुस्वाई से डर लगता है |
29
हंगामा है क्यूँ बरपा,
थोड़ी सी जो पी ली है |
डाका तो नहीं डाला,
चोरी तो नहीं की है.|
30
जिन के आंगन में अमीरी का शजर लगता है,
उन का हर एब भी जमानें को हुनर लगता है।
31
सुला दिया माँ ने भूखे बच्चे को ये कहकर,
परियां आएंगी सपनों में रोटियां लेकर।
32
मुझे मालूम है मैं जी नही सकता उसके बिना |
हाल उसका भी यही है मगर किसी और के लिए |
33
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की,
गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम।
34
चलें गये तुम हमें छोड़कर कोई बात नहीं |
कमसे कम अपनी यादें तो साथ लेकर जाते |
यादें कयूं छोड़ गयें हमको उम्रभर तडपाने के लिए |
35
पानी से तस्वीर कहाँ बनती है |
ख्वाबों से तकदीरकहाँ बनती है |
किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ |
ये जिंदगी फिर वापस कहाँ मिलती है |
36
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माजरा क्या है।
The best shayari in Hindi
37
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है |
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है |
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर |
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है |
38
तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी आँखों में था |
और तुम मेरी जुबान खुलने का इन्तेजार करते रहे |
39
कौन कहता है कि इंसान रंग नहीं बदलता है |
किसी के मुंह पर एक सच बोल कर तो देखिये |
40
दिल की दहलीज पर यादों के दिए रखें हैं,
आज तक हम ने ये दरवाजे खुले रखे हैं।
41
करें हम दुश्मनी किससे,
कोई दुश्मन नहीं अपना,
मोहब्बत ने नहीं छोड़ी,
जगह दिल में अदावत की।
42
जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो,
जरुरी तो नहीं हम जिनके हैं वो हमारा हो,
कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती हैं,
जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो।
43
जब मुझसे मोहब्बत ही नहीं तो रोकते क्यूँ हो?
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यूँ हो?
जब मंजिलें ही जुदा हैं तो जाने दो मुझे…
लौट के कब आओगे ये पूछते क्यूँ हो?
44
जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम |
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम |
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा|
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम |
45
Baat Uljhi Si Lagti Hai Magar Tum Yoon Kehna,
Log Kuchh Bhi Kahein,
Tum Aag Ko Paani Kehna,
Jakham Khaye Jo Dil Ne,
Pyar Ki Nishani Kehna,
Dard Mile Kaanton Se,
Phoolon Ki Zubani Kehna,
Bujhaye Aag,
Aag Se Jo,
Uss Aag Ko Jawani Kehna,
Mitakar Pyas Jo Rahe Pyasi,
Uss Ko Deewani Kehna,
Jise Peekar Hosh Ho Baaki,
Uss Mai Ko Paani Kehna,
Behke Jo Aankhon Se Pee Ke,
Use Husn Ki Mehrawani Kehna.
46
क्या बयान करें तेरी मासूमियत को शायरी में हम,
तू लाख गुनाह कर ले सजा तुझको नहीं मिलनी।
47
Woh Jamana Gujar Gaya Kab Ka,
Tha Jo Deewana Mar Gaya Kab Ka.
48
कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते |
हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते है |
49
खुशीयॉ आये जिंदगी मै तो चख लेना मिठाई समझ कर |
जब गम आये तो वो भी कभी खा लेना दवाई समझ कर|
50
Jab insaan khud ko galat man le,
tab woh sahi hone lagta hai.
51
सच्चाई अक्सर,
खामोशी मे ही मिलती है |
झुठ को हर वक्त,
होंठो पर रहने की आदत है |
52
दोस्त शब्दका अर्थ बड़ा ही मस्त होता है |
“दोष” का जो “अस्त” करदे वही दोस्त होता है |
53
मेरे अल्फ़ाज़ झगड़ पड़े है |
तुम्हारे इश्क़ की तारीफ के खातिर |
कोई कह रहा है तुम्हे चाँद लिखूँ |
तो कोई कह रहा है तुम्हे सारी कायनात लिखूँ |
54
फूल इसलिये अच्छे कि खुश्बू का पैगाम देते हैं,
कांटे इसलिये अच्छे कि दामन थाम लेते हैं,
दोस्त इसलिये अच्छे कि वो मुझ पर जान देते हैं,
और दुश्मनों को मैं कैसे खराब कह दूं…
वो ही तो हैं जो महफिल में मेरा नाम लेते हैं।
55
कई चेहरे लेकर लोग यहां जिया करते हैं |
हम तो बस एक ही चेहरे से प्यार करते हैं |
न छुपाया करो तुम अपने इस चेहरे को |
क्योंकि हम इसे ही देखकर जिया करते हैं |
56
Safeena Ho Ke Ho Patthar Hain Hum Anzaam Se Waqif,
Tumhara Tair Jayega Humara Doob Jayega.
57
कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी,
चंद सिक्कों की खातिर तूने क्या नहीं खोया है,
माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास,
पर तू ये बता कितनी रातें चैन से सोया है।
58
Dil Sapno Se ‘HOUSEFULL’ Hai |
Pura Hona Bhi ‘DOUTFULL’ Hai |
Is Duniya Me Har Chiz ‘WONDERFULL’ Hai |
Kyuki Life Tum Jaise Dosto Se ‘COLOURFULL’ Hai. |
59
मुड़े-मुड़े से हैं.किताब-ए-इश्क़ के पन्ने |
ये कौन है,
जो हमे हमारे बाद पढ़ता है |
60
खुद के लिए इक सज़ा,
मुकर्रर कर ली मैंने |
तेरी खुशियो की खातिर,
तुझसे दूरियां चुन ली मैंने |
61
हर किसी का दिल में अरमान नहीं होता |
हर कोई दिल का मेहमान नहीं होता |
पर जो एक बार दिल में बस जाये |
उसे भुला कर जीना आसान नहीं होता |
62
वक़्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना,
पर वक़्त सबको मजबूर कर देता है।
63
सारी गलती हम अपनी किस्मत की कैसे निकल दें,
कुछ साथ हमारा तेरी अमीरी ने भी तोडा है।
64
उस शख़्स को बिछड़ने का सलीका भी नहीं |
जाते हुए खुद को मेरे पास छोड़ गया |
65
हवा खिलाफ थी लेकिन चिराग भी खूब जला,
खुदा भी अपने होने का क्या क्या सबूत देता है।
66
तेरी मोहब्बत में एक अजब सा नशा है |
तभी तो सारी दुनिया हमसे ख़फ़ा है |
ना करो तुम हमसे इतनी मोहब्बत |
कि दिल ही हमसे पूछे बता तेरी धड़कन कहाँ है |
67
हमारा हर लम्हा चुरा लिया आपने |
आँखों को इक चाँद दिखा दिया अपने |
हमे ज़िंदगी तो दी किसी और ने |
पर प्यार इतना देकर जीना सीखा दिया अपने |
68
Har Ek Baat Pe Kehate Ho Tum Ki Tu Kya Hai,
Tum Hi Kaho Ki Ye Andaaz-E-Guftgu Kya Hai.
69
Zara Si Der Me Dilkash Najara Doob Jayega,
Ye Sooraj Dekhna Saare Ka Saara Doob Jayega.
70
अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी,
जिसे भी मौका मिलता है वो पीता जरुर है।
71
Dhundhta Tha Jo Ek Nayi Duniya,
Laut Ke Apne Ghar Gaya Kab Ka.
72
Hamare Ghar Ko To Ujde Huye Jamana Hua,
Magar Suna Hai Abhi Woh Makan Baaki Hai.
73
दुनिया लाख खूबसूरत हो मगर फिर भी |
तेरा ख़याल दिलकशीं है मेरे लिये |
74
Zindagi jakhmo se bhari hai ,
waqt ko marham banana seekh lo. Haarna toh ek din maut se hai ,
philhaal zindagi jeena seekh lo.
75
अफ़सोस तो है तुम्हारे बदल जाने का मगर,
तुम्हारी कुछ बातों ने मुझे जीना सिखा दिया।
76
सुनो ,
बड़े अच्छे लगते हैं मुझे ये दो काम |
एक तुमसे बात करना.दूसरा तुम्हारी बातें करना |
77
कौन किस से चाहकर दूर होता है |
हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है |
हम तो बस इतना जानते हैं |
हर रिश्ता “मोती” औरहर दोस्त “कोहिनूर” होता है |
78
बाद मरने के मिली जन्नत ख़ुदा का शुक्र है |
मुझको दफ़नाया रफ़ीक़ों * ने गली में यार की |
79
वो मेरा कौन है मालूम नहीं है लेकिन,
जब भी मिलता है तो पहलू में जगा देता है।
80
Mujhse Tu Puchhne Aaya Hai Wafa Ke Mayane,
Yeh Teri Sada-Dili Maar Na Daale Mujhko|
81
हर पल एक मंज़र गुज़र जाता हेै |
जब अपना कोई बेगाना बन जाता है |
यू तो शीशे टूटने की बहोत आवाज़ आती है |
पर कभी आवाज़ के बिना बहोत कुछ टूट जाता हैे |
82
निगाहों के तक़ाज़े
चैन से मरने नहीं देते,
यहाँ मंज़र ही ऐसे हैं
कि दिल भरने नहीं देते,
क़लम मैं तो उठा कर
जाने कब का रख चुका होता,
मगर तुम हो कि क़िस्सा
मुख़्तसर करने नहीं देते।
83
क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम,
तू भी इंसान है कोई खुदा तो नहीं,
मेरा वक़्त जो होता मेरे मुनासिब,
मजबूरिओं को बेच कर तेरा दिल खरीद लेता।
84
कैसे भुलायेगा वो मेरी बरसो की चाहत को |
दरीया अगर सुख भी जाये तो रेत से नमीं नहीं जाती |
85
अब ना मैं हूँ,
ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
86
कदम दो चार चलता हूँ,
मुकद्दर रूठ जाता है,
हर इक उम्मीद से
रिश्ता हमारा टूट जाता है,
जमाने को सम्भालूँ गर
तो तुमसे दूर होता हूँ,
तेरा दामन सम्भालूँ तो,
जमाना छूट जाता है।
87
Khulti Zulfon Ne Sikhayi Mausamo Ko Shayari,
Jhukti Aakhon Ne Bataya Maiqasi Kya Cheej Hai.
88
कितने परवाने जले राज़ ये पाने के लिए,
शमां जलने के लिए हैं या जलाने के लिए।
89
इन बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फराज,
कच्चा तेरा मकाँ है कुछ तो ख्याल कर।
90
Jab Mera Humdum Hi Mere Dil Ko Na Pahchhan Saka,
Aisi Duniya Mein Hum Gum-Naam Rahein Toh Achchha Hai.
91
Unki naa thi khata,
him hi kuch galat samajh baithe yaaro.
Woh mohaabat se baat karte the,
hum mohaabat samjh baithe yaaro.
92
यारब,
मुझे महफ़ूज़ रख उस बुत के सितम से |
मैं उस की इनायत का तलबगार नहीं हूँ.|
93
Ragon Mein Daudte Phirane Ke Hum Nahi Qaayal,
Jab Aankh Hi Se Na Tapka To Phir Lahoo Kya Hai.
94
एक बार उसके रोने पर उसके होंठो को क्या चुम लिया |
अब तो पगली हर रोज रोने का बहाना करती है |
95
मोहब्बत की न सही मेरे सलीके की तो दाद दे |
रोज़ तेरा ज़िक्र करता हूँ बगैर तेरा नाम लिए |
96
Aise Chubhte Hain Teri Yaad Ke Khanjar Mujhko,
Bhool Jaaun Jo Kabhi Yaad Dila Dete Hain.
97
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं,
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की।
98
मुझे बहुत प्यारी है तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी |
चाहे वो दिल का दर्द हो या…आँखों का पानी |
99
मैं खिल नहीं सका कि मुझे नम नहीं मिला,
साक़ी मिरे मिज़ाज का मौसम नहीं मिला।
100
दूर बैठे रहोगे,
पास न आओगे कभी |
ऐसे रूठोगे तो जान ले जाओगे कभी |
शोले बन जायेगें सभी फूल मेरे आंचल के |
तुम जो मोहब्बत की घटा बनके न छाओगे कभी |
101
Lagta hai aaj zindagi kuch khafa hai ,
chaliye chodiye Kaun si pehli dafa hai.
102
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें |
अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें |
इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम |
अपने धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें |
103
Jab dard hadh se badh jaye tab insaan rota nai ,
khamosh ho jata.
104
उजालों की परियाँ नहाने लगीं,
नदी गुनगुनाई ख़यालात की।
105
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता।
106
बज्म ए यारां से अब दिल उठ सा गया है “साहील I
चल फिर से तन्हाइयों की नगरी आबाद करते है II
107
वो हमसफ़र कि मेरे तंज़ पे हंसा था बहुत,
सितम ज़रीफ़ मुझे आइना दिखा के मिला।
108
खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है,
किसी को बेवफा कहते नहीं हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है,
किसी की याद में रोते नहीं हम,
हमें चुपचाप जलना आ गया है,
गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो,
हमें कांटों पे चलना आ गया है।
109
ज़िन्दगी यूं ही बहुत कम है,
मुहब्बत के लिए |
फिर एक दूसरे से रूठकर वक़्त गवांने की जरूरत क्या है |
110
एक चेहरा जो मेरे ख्वाब सजा देता है,
मुझ को मेरे ही ख्यालों में सदा देता है।
111
शायद तेरा नजरिया मेरे नजरिए से अलग था |
तू वक्त गुजारना चाहती थी और मै जिन्दगी |
112
ऊपर वाले ने कितने लोगो की तक़दीर सवारी है,
काश वो एक बार मुझे भी कह दे कि आज तेरी बारी है।
113
Sukoon milta do lafz kagaz par utarkar ,
cheekh bhi leta hun aur awaj bhi nai hoti.
114
Dhak uski saankero mein thi ,
ginti bhi uski sehar ke bado bado mein thi.
Dafan hua woh mahaj cheh feet ke gaddhe mein,
halanki zameen Uske paas kayi aekeron mein thi.
115
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं |
कसूर तो उस चहेरे का है जो सोने नहीं देता|
I Miss You
116
तुझसे हमे कोई शिकायत नहीं है
शिकायत तो हमे अपनी किस्मत से है |
प्यार किया भी तो उसे जिसे कोई फर्क
नहीं पड़ा हमारे जीने या मरने से |
117
किसी को टूट कर चाहने से मोहब्बत नहीं होती |
उसे पाने की ख्वाहिश से मोहब्बत नहीं होती |
मोहब्बत तो इस दुनियां का एक अज़ीम चीज़ है|
जो एक बार किसी से हो जाये,
फिर किसी से नहीं होती |
118
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है।
119
तू किसी और के नसीब मे है.या बनेगा नसीब मेरा |
मुझे तो बस सिर्फ़ इतना पता है..की मैं हूँHero तेरा |
120
दिन की रोशनी ख्वाबों को सजाने में गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई,
जिस घर मे मेरे नाम की तखती भी नहीं,
सारी उमर उस घर को बनाने में गुजर गई।
121
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे |
हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़े जाएँगे |
जितना जी चाहे सतालो यारो |
एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे |
122
मुमकिन नहीं वो मुझको भुला देगा |
वो तो हर पल,
हमेशा दुआ देगा |
प्यार दिए है इस क़दर उसको हमने |
किस तरह किसी को मेरी जगह देगा |
123
ऐसी नजरो से न देख पगली Mohbat हो जायगी |
गर हो गयी Mohbat फिर तु किसी काम की नही रहेगी |
124
क्यों ना सजा मिलती हमे मोहब्बत में आखिर
हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस शख्स की खातिर
125
Rakho hausla woh manjar bhi aayega
pyase ke paas chalkar samandar bhi aayega.
Thak kar naa baith aae manjil ke mushafir ,
manjil ve milegi aur jeene ka maza bhi aayega.
126
खुशबु की तरह मेरी हर साँस मैं
प्यार अपना बसने का वादा करो |
रंग जितने तुम्हारी मोहबत के हैं
मेरे दिल में सजाने का वादा करो |
127
Hum dono mein bas fark itna sa hai
Uske sab “lekin” mere naam se shuru hote hai ,
Aur mere saare “kaash” us par aakar rukte hai.
128
Aankho Se Mere Isliye Laali Nahi Jati,
Yaadon Se Koyi Raat Khaali Nahi Jati.
129
Bewaqt Agar Jaaunga Toh Sab Chauk Padenge,
Ek Umra Huyi Din Mein Kabhi Ghar Nahi Dekha.
130
दिल तोड़ना आज तक नहीँ आया मुझे |
प्यार करना जो अपनी माँ से सीखा है |
131
क्यूँ दुनिया वाले मोहब्बत को खुदा का दर्ज़ा देते हैं |
हमने आजतक नहीं सुना कि खुदा ने बेबफाई की हो |
132
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है |
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है |
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर |
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है |
133
कुछ यादों का कर्ज है,
कुछ वादे उधार है |
दिलबर के हिसाब को देखकर,
आज फिर दिल उदास है |
134
कहीं यादों का मुकाबला हो तो बताना यारो |
मेरे पास भी किसी की यादें बेहिसाब होती जा रही हैं |
135
बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ
मैं अपने आप में लेकिन,
बस तुमको याद करने की
वो आदत अब भी वाकी है।
136
हिचकियों में वफ़ा ढूंढ रहा था |
कमबख्त गुम हो गयी दो घूँट पानी से |
137
Itna toh Kisi ne tujhe chaha bhi nai hoga,
jitna maine tujhe socha hai.
138
खुशबु की तरह मेरी हर साँस मैं |
प्यार अपना बसने का वादा करो |
रंग जितने तुम्हारी मोहबत के हैं |
मेरे दिल में सजाने का वादा करो |
139
Samandar Ke Safar Me Kismate Pahloo Badalti Hain,
Agar Tinke Ka Hoga To Sahara Doob Jayega.
140
वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त |
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले |
141
Zakhm Khate Hain Teri Shokh Nigahon Se Bahut,
Khubsoorat Se Kayi Khwaab Sajaa Lete Hain.
142
यूँ ना बर्बाद कर मुझे अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से |
मै तो सिर्फ इन्सान हूँ,
पत्थर भी टूट जाता है,
इतना आजमाने से |
143
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हंस कर |
यही एक फन सीखा है बहुत कुछ खो देने के बाद |
144
शक़ करके बर्बाद होने से तो
भरोसा करके लुट जाना ज्यादा बेहतर है |
145
दिल को सुकून रूह को आराम आ गया |
मौत आ गई कि यार का पैग़ाम आ गया |
146
दम तोड़ जाती है हर शिकायत,
लबों पे आकर,
जब मासूमियत से वो कहती है,
मैंने क्या किया है?
147
हमें पता है .तुम.कहीं और के मुसाफिर हो |
हमारा शहर तो.बस यूँ ही..रास्ते में आया था |
148
क्या जरुरत थी तुम्हेँ मेरे इतना पास आने की |
आकर फिर मुझको अकेला छोङ कर यूँ तङपाने की |
माना तुम मेरी जिँदगी बन चुके हो |
पर आदत है तुम्हारी मुझको रुलाने की |
149
गम नही कि तुम बेवफा निकली,
मगर अफ़सोस इस बात का है,
वो सब लोग सच निकले,
जिनसे मैं तेरे लिए लड़ा था।
150
हर वक़्त तेरी यादें तडपाती हैं मुझे |
आखिर इतना क्यों ये सताती है मुझे |
इश्क तो किया था तूने भी बड़े शौंक से |
अब क्यों नहीं यह एहसास दिलाती है तुझे |
151
Apne Haathon Ki Lakeero Mein Basa Le Mujhko,
Main Hoon Tera Naseeb Apna Bana Le Mujhko|
152
दो प्रेमी के प्यार से लोग जल रहे हहै लोग |
अजीब अजीब बाते कर रहे है लोग |
जब कभी चाँद और सूरज का मिलन हो रहा है |
तो उसे भी ग्रहण कह रहे है लोग |
153
नज़र में ज़ख़्म-ए-तबस्सुम छुपा छुपा के मिला,
खफा तो था वो मगर मुझ से मुस्कुरा के मिला।
154
Duniya ke mehfilo se ukta gaya hun rab,
kya luft anjuman ka dil ki bujh gaya ho jab.
155
देख कर मेरा नसीब मेरी तक़दीर रोने लगी,
लहू के अल्फाज़ देख कर तहरीर रोने लगी,
हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई,
सूरत को देख कर खुद तस्वीर रोने लगी।
156
ना शाखों ने पनाह दी,
ना हवाओ ने बक्शा,
वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता।
157
मौत मांगते हैं तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है |
ज़हर लेते हैं तो वो भी दवा हो जाती है |
तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूँ |
जिसको ही चाहते हैं वो बेवफा हो जाती है |
158
अब मायूस क्यूँ हो उस की बेवफाई पे फ़राज़,
तुम खुद ही तो कहते थे कि वो सबसे जुदा है।
159
फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो,
जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो,
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ,
आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।
160
सिर्फ एक हम ही है तेरे दिल में |
यही गल्त फहमी बर्बाद कर गई हमे |
161
इतनी चाहत के बाद भी तुझे एहसास ना हुआ,
जरा देख तो ले दिल की जगह पत्थर तो नहीं।
162
इस कहानी के वो किरदार कहाँ से लाऊं,
वो ही दरिया है वो ही कच्चे घड़े रखे हैं।
163
Aag Dozakh Ki Bhi Ho Jayegi Pani Pani,
Jab Yeh Aasi Arq-E-Sharm Se Tar Jayenge.
164
Unse Najrein Kya Mili Roshan Fizayein Ho Gayin,
Aaj Jana Pyaar Ki Jadoogari Kya Cheej Hai.
165
Bewajah bewafaon ko yaad kiya hai
Galat logo par Bhot waqt barbaad kiya hai.
166
दुश्मनी का सफ़र एक कदम दो कदम,
तुम भी थक जाओगे,
हम भी थक जाएंगे।
167
जिन्दगी तो है पर कुछ खास नहीं |
होठो पे उनका नाम तो है पर उन्हें एहसास नहीं |
दिल में उनके लिए प्यार तो है पर उन्हें पता नहीं |
अपना बनाना चाहते हैं पर अब उन्हें |
अपना बनाने की उम्मीद भी हमारे पास नही |
168
वो कहानी थी…चलती रही मै किस्सा था…खत्म.हो गया |
169
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात “आख़री” होगी |
ना ज़ाने कौनसी रात “आख़री” होगी |
मिलते,
जुलते,
बातें करते रहो यार एक दूसरे से |
ना जाने कौनसी “मुलाक़ात” आख़री होगी |
170
Abhi Jameer Mein Thodi Si Jaan Baaki Hai,
Abhi Hamara Koyi Imtehaan Baaki Hai.
171
भूले हैं रफ़्ता-रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम |
क़िश्तों में ख़ुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिये |
172
ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे |
किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है |
173
मिलना था इत्तफ़ाक,
बिछड़ना नसीब था |
वो इतनी दूर हो गया,
जितना करीब था |
174
Bas Yahi sochke sab mushkilo se ladta aaya hun ,
dhup kitni v tej kyun na ho samndar nai sookha karte.
175
Zameer jaag hi jata hai agar Zinda ho Iqbal,
kabhi gunah se pehle toh kabhi gunah ke baad.
176
Taskeen naa ho Jisse woh raaj badal daalo,
Jo raaj naa rakh paye woh humraaj badal daalo.
177
इन्तजार तो हम सारी ज़िन्दगी कर लेंगे |
बस खुदा करे तू बेवफा ना निकले |
178
गुलाब तो टूट कर बिखर जाता है |
पर खुशबु हवा में बरकरार रहती है |
जाने वाले तो छोड़ के चले जाते हैं |
पर एहसास तो दिलों में बरकरार रहते हैं |
179
Ab Na Umr Na Mausam Na Raste Ke Wo Patte,
Iss Dil Ki Magar Khaam-Khayali Nahi Jati.
180
Hosh Walon Ko Khabar Kya Bekhudi Kya Cheej Hai,
Ishq Keeje Phir Samjhiye Zindgi Kya Cheej Hai.
181
Galat log sabke jeevan mein aate hai
Par seekh hamesha sahi dekar jate hai.
182
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम,
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम।
183
अक्सर बैठे -बैठे खुद से ही मैं रूठ जाता हूँ |
एक तेरे ना होने के ख्याल से मैं टूट जाता हूँ |
184
पता नही लबो से लब केसे मिला लेते है लोग |
हमारी उनसे नजरे भी मिल जाये तो होश नहीरहता |
185
Jis Din Se Chala Hu Meri Manzil Pe Nazar Hai,
Aankho Ne Kabhi Meel Ka Patthar Nahi Dekha.
186
दिल वो है कि फ़रियाद से लबरेज़ है हर वक़्त |
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकलने नहीं देते |
187
ये मत पूछ के एहसास की शिद्दत क्या थी,
धूप ऐसी थी के साए को भी जलते देखा।
188
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ,
दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे,
ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर,
जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे।
189
Tod Dete Hain Har Ek Mod Pe Dil Mera,
Aap Kya Khoob Wafaon Ka Sila Dete Hain.
190
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है |
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है |
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर |
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है |
191
Aanko Mein Raha Dil Mein Utar Kar Nahi Dekha,
Kashti Ke Musafir Ne Samandar Nahi Dekha.
192
Uska Jo Haal Hai Wohi Jaane,
Apna To Jakham Bhar Gaya Kab Ka.
193
Tum Ne Thehrayi Agar Gair Ke Ghar Jaane Ki,
Toh Iraade Yahan Kuchh Aur Thahar Jayenge.
194
करके दौड़ भाग,
इतनी दौलत कमा ली |
मखमली बिस्तर खरीद लिए,
चैन की नींद गवां दी |
195
Wo titli ki tarah aayi aur zindagi ko baagh kar gayi ,
Mere Jitne naapak the iraade Unhe bhi pak kar gayi.
196
कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो यारों |
ज़िन्दगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने |
197
जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम |
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम |
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा |
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम |
198
Qadr karna seekh lo,
naa zindagi baar baar aati hai naa hi log.
199
रुठने का हक हैं तुझे,
वजह बताया कर |
खफा होना गलत नहीं,
तू खता बताया कर |
सीधासाधा जुर्म नहीं,
गुनाह-ए-इश्क हुआ है |
आजमा मुझे यूँ भी कभी,
तू सजा बताया कर |
200
Badi himmat di hai uski judaai ne ,
Ab naa Kisi ko khone ka dar naa Kisi ko paane ki chah.
201
जीने की उसने हमे नई अदा दी है |
खुश रहने की उसने दुआ दी है |
ऐ खुदा उसको खुशियाँ तमाम देना |
जिसने अपने दिल मे हमें जगह दी है |
202
तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनहगार हो गये।
203
Na Shole Mein Ye Karishma Na Vark Mein Ye Adaa,
Koyi Batao Ki Woh Shokhe-Tund-Khoo Kya Hai.
204
ऐ मोहब्बत,
तुझे पाने की कोई राह नहीं |
तू तो उसे ही मिलेगी,
जिसे तेरी परवाह नहीं |
205
कोई आँसू तेरे दामन पर गिरा कर,
बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ।
206
न जाने आप पर इतना यकीन क्यों है |
आप का ख्याल भी इतना हसीं क्यों है |
सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है |
207
चलो माना की हमे प्यार का इजहार करना नहीं आता |
जज्बात न समझ सको इतने नादान तो तुम भी नही |
208
मुझ में बसी हुई थी किसी और की महक,
दिल बुझ गया कि रात वो बरहम नहीं मिला।
209
वो कहीं आस-पास है मौजूद,
हू-ब-हू ये हँसी उसी की है।
210
मुझ में ख़ुशबू बसी उसी की है,
जैसे ये ज़िंदगी उसी की है।
211
खामोशियों से आगे फसाना क्या है |
रुसवाईयों से आगे अफसाना क्या है |
तन्हाईयों से आगे कोई तराना क्या है |
आप नहीं साथ तो जमाना क्या है |
212
Suna Hai Manzil Milte Hi Uski Chahat Mar Jaati Hai,
Gar Yeh Sach Hai Toh Fir Hum Naakam Rahen Toh Achchha Hai.
213
बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो |
मंजिल को पाने की कसक रहने दो |
आप चाहे रहो नज़रों से दूर |
पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो |
214
वही रखेगा मेरे घर को बलाओं से महफूज,
जो शजर से घोसला गिरने नहीं देता।
215
हम भी दरिया हैं,
हमें अपना हुनर मालूम है |
जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे,
रास्ता हो जाएगा |
216
Ye Rashk Hai Ki Woh Hota Hai HumSukhan Tumse,
Vargana Khaufe-Bad-Amojiye-Adoo Kya Hai.
217
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ,
आ तुझे मैं गुन गुनाना चाहता हूँ।
218
Na Jaane Fir Bhi Kyu Sahil Pe Tera Naam Likhte Hain,
Hamein Maloom Hai Ek Din Kinara Doob Jayega.
219
मौत से पहले भी एक और मौत होती है |
देखो जरा तुम किसी अपने से जुदा होकर |
220
Zindagi jeene ki chah honi chahiye guzara
toh zindagi kaise bhi kara hi deti hai.
221
Aaj maine phir jaajbaat bheje Tumne phir alfaaz hi samjhe
222
इक जाम में गिरे हैं,
कुछ लोग लड़खड़ा के |
पीने गये थे चल के,
लाये गये उठा के |
223
मसरूफियत में आती है बेहद याद तुम्हारी |
और फुरसत में तेरी याद से फुरसत नहीं मिलती |
224
Kuchh Rishte Umr Bhar Agar Benaam Rahen Toh Achchha Hai,
Aankho Aankho Me Hi Kuchh Paigaam Rahe Toh Achchha Hai.
225
किसी को प्यार का मतलब बस इतना सा समझाना,
शमा के पास जाकर के परवाने का जल जाना।
226
पानी दिया में हो या आँख में |
गहराई और राज दोनों में होता है |
227
Ab Toh Ghabara Ke Yeh Kehte Hain Ke Mar Jayenge,
Mar Ke Bhi Chain Na Paaya Toh Kidhar Jayenge.
228
तुम होते कोइ दुश्मन तो बात ही क्या थी |
अपनो को मनाना है,
जरा देर लगेंगी.|
229
Maage Tu Agar Jaan Bhi Toh Hans Ke Tujhe De Du,
Teri Toh Koyi Baat Bhi Taali Nahi Jati.
230
कभी जो मुझे हक मिला अपनी तकदीर लिखने का
कसम खुदा की तेरा नाम लिख कर कलम तोड दूंगा।
231
न जी भर के देखा न कुछ बात की,
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की।
232
हर किसीका दिल में अरमान नहीं होता |
हर कोई दिल का मेहमान नहीं होता |
पर जो एक बार दिल में बस जाये |
उसे भुला कर जीना आसान नहीं होता |
233
Kuch Is Tarah Usn Fakir Ne Zindagi Ke Misal Di |
Mutthi Me Dhool Le Hwa Aur Hwa Me Uchal De |
234
नींद में भी गिरते हैं मेरी आँख से आंसू |
जब भी तुम ख्वाबों में मेरा हाथ छोड़ देती हो |
235
Yeh Phool Mujhe Koyi Virasat Mein Nahi Mile,
Tumne Mera Kaanto Bhara Bistar Nahi Dekha.
236
दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं |
कैसे कहे कि तुमसे प्यार नहीं कुछ तो कसूर है |
आपकी आखों का हम अकेले तो गुनहगार नहीं|
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